देश के इस्पात खपत में 6.1 फीसदी वृद्धि का अनुमान

भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) के अध्यक्ष पी.के. सिंह ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के मौजूदा चरण के अलावा अगले दशक में भी कंपनी की आर्थिक स्थिति के लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है। इससे भविष्य में देश में इस्पात की मांग में काफी वृद्धि दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि विश्व इस्पात संघ ने भी अपने दृष्टिकोण में भारत में 2017 के दौरान इस्पात की खपत में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान जताया है। सेल की 45वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि कंपनी ने अपनी स्थापना से लेकर 47.5 करोड़ टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया है और इस्पात की जरूरत वाली सभी प्रमुख राष्ट्रीय परियोजनाओं में भागीदारी की है।

उन्होंने कहा, "कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 14 प्रतिशत अधिक कारोबार किया है। इसमें पांच एकीकृत इस्पात संयंत्रों के बिक्री योग्य इस्पात की बिक्री मात्रा (इसमें आठ प्रतिशत वृद्धि हुई है) और निवल बिक्री प्राप्ति (एनएसआर) में हुई वृद्धि का योगदान रहा। एनएसआर में वृद्धि में मूल्य स्तरों में हुए समग्र सुधार और कंपनी के उत्पादन मिश्रण में हुई प्रगति के लिए किए गए उपायों का योगदान रहा।"

उन्होंने कहा, "सेल के भिलाई इस्तात संयंत्र में विश्व की सबसे लम्बी 130 मीटर की एकल पीस रेल पटरी का उत्पादन किया जा रहा है और भारतीय रेलवे को 260 मीटर रेल पैनलों की आपूर्ति की जा रही है। राउरकेला इस्पात संयंत्र में लगी नई ब्लास्ट फर्नेस ने अपनी क्षमता का शतप्रतिशत उत्पादन अर्जित किया है, जबकि न्यू प्लेट मिल ने भी अपनी अधिकतम क्षमता के आस-पास ही उत्पादन किया है।"

उन्होंने कहा कि सेल का 'इस्पात गांवों की ओर' अभियान ग्रामीण भारत में इस्पात की खपत बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है।

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