दाल में एकतरफा तेजी, क्या हो रणनीति

दाल किसानों को भाव नहीं मिलने की शिकायत झेल रही सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया और एक के बाद एक अरहर, उड़द और मूंग के इंपोर्ट पर रोक लगा दी। आमतौर पर भारत दुनिया में दाल का सबसे बड़ा इंपोर्टर रहा है और अपनी खपत का करीब 40 फीसदी दाल यहां इंपोर्ट करना पड़ता है। लेकिन इस साल 220 लाख टन की रिकॉर्ड पैदावार और ऊपर से विदेश से जारी सस्ते इंपोर्ट से दाल की कीमतें जमीन पर आ गई थीं, नतीजा किसानों को उनकी उपज का दाम नहीं मिल रहा था।

इंपोर्ट पर रोक के बाद अब दाल की कीमतें बढ़ रही हैं और सिर्फ इसी महीने दाल के भाव में 15 से 30 फीसदी की तेजी आ चुकी है। सबसे ज्यादा भाव 30-33 फीसदी तक अरहर और उड़द का बढ़ा है। मूंग 15 फीसदी और चने का भाव करीब 20 फीसदी बढ़ गया है। सवाल ये है कि यहां से कैसा रहेगा दाल का आउटलुक। क्योंकि अक्टूबर के बाद नई दाल बाजार में आएगी और सरकार के पास भी है 20 लाख टन का बफर स्टॉक।

1 महीने में दाल के भाव 20-33 फीसदी तक की उछाल देखने को मिली है। दरअसल, यह तेजी दाल इंपोर्ट पर रोक से आई है। उड़द के भाव में सबसे ज्यादा तेजी आई है। अरहर और उड़द का 1,000 से ज्यादा भाव बढ़ा। इस साल दाल की खेती में करीब 3.5 फीसदी की कमी आई है। अरहर, उड़द और मूंग के इंपोर्ट पर रोक है।

लातूर मंडी में अरहर दाल 4,400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि इंदौर मंडी में दाल की कीमत 4,450 रुपये प्रति क्विंटल, मुंबई मंडी में दाल की कीमत 4,600 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रही है। वहीं मुंबई में उड़द की दाल 4,800 रुपये प्रति क्विंटल, इंदौर में उड़द की दाल 4,600 रुपये प्रति क्विंटल और दिल्ली में 4,850 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।

मुंबई में मूंग की दिल्ली में 5,100 रुपये प्रति क्विंटल, इंदौर में मूंग की दाल 4,500 रुपये प्रति क्विंटल और जोधपुर में 4,450 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है जबकि मुंबई में चना दाल की दिल्ली में 5,900 रुपये प्रति क्विंटल, नागपुर में चना की दाल 5,800 रुपये प्रति क्विंटल और इंदौर में 5,800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।

तेजी के बावजूद दाल एमएसपी के नीचे नजर आया है। इस साल दाल की खेती 3.5 फीसदी की कमी आई है जबकि अरहर, मूंग और उड़द का इंपोर्ट बंद किया गया है। दाल पर स्टॉक लिमिट नहीं है। चना वायदा में एकतरफा तेजी हो रही है। एमएसपी के मुकाबले चना करीब 45 फीसदी ऊपर नजर आ रहा है। दरअसल, दाल की खपत से ज्यादा भंडार है। सालाना 240 लाख टन दाल की मांग होती है। इस साल 221 लाख टन रिकॉर्ड पैदावार रही है। साल 2016-17 में 57 लाख टन इंपोर्ट हुआ था।

कमोडिटी मार्किट टिप्स के लिए क्लिक करें >> http://www.ripplesadvisory.com/services.php.

You May Also Like

0 comments

Note: only a member of this blog may post a comment.