कमोडिटी पर मॉनसून का असर, कहां रहे नजर

समय से पहले दस्तक देने के बाद मॉनसून थोड़ा ठहरकर फिर से आगे बढ़ रहा है। उत्तर भारत में प्री मॉनसून बारिश शुरू हो गई है और देर से ही सही मध्यप्रदेश को इसने छू लिया। सवाल ये है कि घाटे में चल रही सोयाबीन पर क्या किसान लगाएंगे दांव या गुजरात के किसानों के लिए कैस्टर होगी मुनाफे की फसल। राजस्थान के किसानों को क्या ग्वार कराएगा फिर से मालामाल या इस साल भी कपास पर रहेगा किसानों का जोर। आइए जानते हैं मॉनसून के साथ पूरे कमोडिटी बाजार की चाल।

इस साल सोयाबीन की खेती करने वाले किसानों को अच्छा भाव नहीं मिला है। मध्य प्रदेश में मॉनसून देर से आया जिसके चलते एमपी में अबतक करीब 30 फीसदी कम बारिश हुई है। जुलाई के पहले हफ्ते तक सोयाबीन की खेती का वक्त होता है। इस साल कैस्टर की खेती करने वाले किसानों को अच्छा दाम मिला है। कैस्टर की खेती वाले इलाकों में बारिश सुधरी है। इस साल स्टॉक कम के चलते मांग बढ़ने का अनुमान है।

ग्वार की खेती वाले इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। राजस्थान में ग्वार की खेती शुरू भी हो गई है। इस साल किसानों को ग्वार की खेती से अच्छा भाव मिल सकता है। कच्चे तेल की चाल का कीमतों पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर कपास की खेती करने वाले किसानों को इस साल अच्छा भाव मिला है। गुजरात में बुआई दोगुनी बढ़ी है औऱ खेती वाले इलाकों में बारिश सुधरी है। कपास की बुआई करीब 30 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।

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