बजट: कमोडिटी मार्केट को क्या हुआ हासिल

उम्मीद थी कि बजट में सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी कम होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि सरकार ने अलग से कोई नया टैक्स का एलान नहीं किया। लेकिन गांवों और किसानों को भरपूर मदद देने की कोशिश की गई है। 10 लाख करोड़ रुपये कृषि कर्ज देने का लक्ष्य तय किया गया है। किसानों को बाजार से सीधे तौर पर जोड़ने के लिए वित्त मंत्री ने कहा है कि इसके लिए वायदा में तालमेल बैठाना जरूरी है और इसलिए इस बजट में अलग से एक्सपर्ट कमिटी के गठन का एलान किया गया है।

 

सरकार कमोडिटी मार्केट में बड़ा रिफॉर्म लाने जा रही है, बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि किसानों को मार्केट से जोड़ने और वायदा और हाजिर में तालमेल के लिए एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया जाएगा और इसके सुझाव पर सरकार मार्केट में ट्रेडिंग के नियम तय करेगी।

 

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वहीं दूसरी ओर 3 लाख रुपये से ज्यादा के कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी गई है। यानि एक अप्रैल से 3 लाख रुपये से ज्यादा का लेनदेन नकद में नहीं हो सकेगा। गौर करने वाली बात ये है कि मंडियों में अभी भी कारोबार का बड़ा हिस्सा कैश में ही होता है। वहीं ज्वेलर्स के इस कदम को कैसे देख रहे हैं, ये एक बड़ा सवाल है।

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