बढ़ा स्टॉक, नहीं बिक रही सरकारी दाल

For more detail visit our website http://www.ripplesadvisory.com/services.php.

आम लोगों को सस्ती दालें मुहैया कराने के लिए सरकार ने दाल तो इंपोर्ट कर लिया है। लेकिन अब इसका कोई खरीदार नहीं मिल रहा है। ऐसे में कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय दूसरे सरकारी विभागों को दाल बेचने की कोशिश में जुट गया है। सीएनबीसी आवाज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने इसके लिए मिलिट्री और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के अधिकारियों को चिट्ठी भी लिखी है।

भले ही दाल आपको अभी भी 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा पर खरीदनी पड़ रही हो लेकिन सरकार के पास जो दाल है उसे खरीदने वाला कोई नहीं है। लिहाजा अब सरकार अपने ही दूसरे विभागों को दाल बेचने की फिराक में है। 

 

सरकार ने तैयारी की थी कि 20 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाया जाएगा ताकि घरेलू बाजारों में दाम बढ़ने पर दखल देकर कीमतें कम की जा सकें। इसके लिए 4.5 लाख टन से ज्यादा दाल का इंपोर्ट भी कर लिया गया और करीब 3 लाख टन दाल घरेलू किसानों से खरीदी गई। लेकिन अभी तक राज्य सरकारों ने सिर्फ 40 हजार टन दाल ही केंद्र सरकार से खरीदी है। और मुश्किल से 30 हजार टन दाल अलग-अलग माध्यमों से सरकार ने खुले बाजार में बेची है। दूसरी तरफ अधिकांश दालों की कीमतें खासकर अरहर की कीमत 125 रुपये किलो के आसपास चल रही है। 

 

सरकार की मुसीबत ये भी है कि जब दाल इंपोर्ट का कॉन्ट्रैक्ट किया गया घरेलू बाजारों में दाल 170-180 रुपये किलो थी। जब तक इंपोर्टेड दाल भारत पहुंचती तब तक कीमतें घरेलू बाजार में गिर गई थीं। ऐसे में सरकारी दालों को लेकर खरीदारों की दिलचस्पी भी खत्म होती गई और अब आलम ये है कि सरकारी दाल कहीं गल नहीं रही।

You May Also Like

0 comments

Note: only a member of this blog may post a comment.