कैसा रहेगा क्रूड, नैचुरल गैस का आउटलुक

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ग्लोबल इकोनॉमी का बैक बोन - कच्चा तेल और इसी के साथ नैचुरल गैस भी आजकल मार्केट की रडार पर है। साल खत्म होने जा रहा है और इस पूरे साल के दौरान कच्चा तेल 100 फीसदी से भी ज्यादा की तेजी दिखा चुका है। पिछले मात्र 15 दिन में क्रूड करीब 15 फीसदी चढ़ चुका है और ओपेक के फैसले के बाद भाव करीब 10 फीसदी उछल चुके हैं।

                                    रिटर्न के मामले में नैचुरल गैस भी पीछे नहीं है। इस साल करीब 60 फीसदी की तेजी आ चुकी है। पिछले सिर्फ 15 दिन में नैचुरल गैस करीब 30 फीसदी उछल चुका है और फिलहाल दो साल के ऊपरी स्तर पर कारोबार हो रहा है। ऐसे में आगे कैसा रहेगा क्रूड और नैचुरल गैस का आउटलुक। ये जानने के लिए लेकर आए हैं हम ये खास पेशकश।

                            दरअसल बाजारों के लिए अच्छी खबर क्रूड की तरफ से आई है जहां जोरदार तेजी है। असल में 2008 के बाद पहली बार ओपेक कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करेगा। ओपेक देशों में क्रूड उत्पादन में 12 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती पर सहमति बन गई है। ओपेक देशों के लिए कच्चे तेल उत्पादन की नई सीमा करीब 3.25 लाख करोड़ बैरल तय की गई। सऊदी अरब के लिए क्रूड उत्पादन की सीमा घटाकर 1 करोड़ बैरल की गई है वहीं ईरान के लिए 37 लाख 97 हजार बैरल की लिमिट तय की गई है। इंडोनेशिया ओपेक से बाहर हो गया है जिसके चलते उसके हिस्से का कोटा बाकी सदस्य देशों में बांट दिया गया है।

वहीं ग्लोबल मार्केट में नैचुरल गैस का भाव 2 साल की ऊंचाई पर है। पिछले 2 हफ्ते में नैचुरल गैस का भाव 30 फीसदी उछला है। मांग बढ़ने और भंडार घटने से नैचुरल गैस को सपोर्ट मिल रहा है। साथ ही अमेरिका में ठंड बढ़ने के अनुमान से भी नैचुरल गैस में तेजी देखने को मिल रही है। 2015 के मुकाबले इस साल नैचुरल गैस का उत्पादन कम हुआ है। 2005 में बाद पहली बार नैचुरल गैस का सालाना उत्पादन घटा है, ऐसे में अमेरिका में डिमांड बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है।

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