टमाटर का बंपर उत्पादन से परेशान किसान

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टमाटर के बंपर उत्पादन ने किसानों को अपनी फसल सड़क पर फेंकने को मजबूर कर दिया है। उत्तर गुजरात के गांवों में रोज हजारों किलो टमाटर सड़कों पर फेंके जा रहे हैं। मुनासिब भाव ना मिलने के कारण किसान ऐसा कर रहे हैं।

 

टाटा नैनो प्लांट की वजह से मशहूर साणंद के आस-पड़ोस के गांवों में किसान बाजार में बेचने के बजाय जानवरों को खिलाना बेहतर पा रहे हैं। वजह है- टमाटर के दाम में आई भारी गिरावट। थोक मंडी में टमाटर के भाव 1 रुपये प्रति किलो से भी कम हो गए हैं। 

 

गुजरात में करीब 50 हजार टन टमाटर का उत्पादन होता है। इस वर्ष इसमें 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। उत्पादन बढ़ने के अलावा पाकिस्तान और अफग़ानिस्तान जैसे देशों को होने वाला एक्सपोर्ट भी बंद है। घरेलू मांग भी कम होने की वजह से किसानों के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। किसानों को 25 किलो के बॉक्स के लिए केवल 20 रुपये मिल रहे हैं जबकि टमाटर रिटेल में 20 रुपये किलो बिक रहे हैं। ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि सरकार कम से कम ट्रांसपोर्ट में सब्सिडी दे दे ताकि इनका यह सीजन फेल न हो।

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