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फीकी होगी मिठास, महंगी हुई चीनी

उत्पादन पूरा। स्टॉक भी लबालब। फिर क्यों महंगी हो रही है चीनी? दरअसल आपकी चाय की प्याली को लग गई है सटोरियों की नजर। आशंका तो ये भी है अभी 45 रुपये किलो बिक रही चीनी फरवरी आते-आते 50 रुपये किलो हो जाएगी।

 

चीनी सात साल की ऊंचाई पर चली गई है। पिछले महीने रिटेल में 40 रुपये किलो बिकने वाली चीनी अब 45 रुपये किलो बिक रही है। नोटबंदी से दाल से लेकर सब्जियां तक सस्ती हुई हैं, लेकिन चीनी महंगी हो गई है। जानकार मान रहे हैं कि फरवरी के बाद चीनी की कीमतों में और तेजी आ सकती है।

 

देश में इस साल करीब 230 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल का करीब 70 लाख टन बकाया स्टॉक है। ऐसे में खपत के मुकाबले चीनी की मौजूदगी पर्याप्त है। सरकार भी इसी आंकड़े का दावा कर रही है।

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लेकिन अगले साल स्टॉक कम रहने की आशंका को लेकर बाजार में जमकर सट्टेबाजी हो रही है। दूसरी ओर पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल भी बज चुका है, ऐसे में सटोरिए मार्च तक छुट्टा माहौल देख रहे हैं। हालांकि सेबी ने वायदा में 50 फीसदी का भारी भरकम मार्जिन लगाकर सख्त संकेत जरूर दे दिया है। अब सबकी नजर चीनी पर जारी 40 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी पर है। 

पिछले साल 3300 रुपये क्विंटल के भाव चीनी बेच रही मिलों ने भारी घाटे का दावा किया था। अब ये अड़तीस सौ रुपये क्विंटल के भाव चीनी बेच रही हैं। सरकार अगर वक्त रहते कदम नहीं उठाती है तो रिटेल इस गर्मी चीनी पचास रुपये किलो भी जा सकती है।

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