कॉटन और चना में नरमी का रुझान - एसएमसी

कॉटन की कीमतें 21,885 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 21,600 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। भारतीय कपास निगम ने मौजूदा कपास सीजन में 10 दिसंबर तक 98,900 बेल कपास की खरीदारी की है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 3.9 लाख बेल कपास की खरीदारी की थी। घरेलू और वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता की स्थिति के कारण खरीदार यह तय नही कर पा रहे है कि वे लंबी अवधि के लिए खरीदारी करें या नही। भारत में 2018-19 सीजन में कपास का उत्पादन पिछले महीने के अनुमान 343.25 लाख बेल की तुलना में इस महीने 3 लाख बेल की कमी के साथ 340.25 लाख बेल होने के अनुमान के बावजूद कीमतों में तेजी का रुझान नही है।

कम उत्पादन अनुमान के कारण ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,400-4,440 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतों को 8,970 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। ग्वारसीड और ग्वारगम एक-दूसरे के अनुकूल कारोबार नहीं कर रहे हैं और इसे ग्वारगम-ग्वारसीड के अनुपात से देखा जा सकता है, जो ग्वारगम के कम निर्यात माँग की तुलना में पशुआहार के लिए ग्वारसीड की अधिक माँग के कारण पिछले एक महीने में 2.19 से लुढ़क कर 2.0 हो गया है।

चना वायदा (जनवरी) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 4,500 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में नरमी का रूझान है।

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