जीएसटी पर कंफ्यूजन, अनाज बाजार में मंदी

जीएसटी लागू होने से पहले ही मंडियो में इसका असर दिखने लगा है। पिछले 1 सप्ताह के भीतर दाल और चावल की थोक कीमतों में 10 से लेकर 15 फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है। आखिर जीएसटी से पहले अनाज सस्ते होने की क्या है वजह आइए जानें। जीएसटी रेट तय होने के बाद से ही थोक बाजार में दालें गलना शुरू हो चुकी है और चावल भी सस्ते हो रहे हैं। दिल्ली के नया बाजार में अरहर दाल जीएसटी रेट तय होने से पहले 48 रुपये किलो बिक रही थी, मगर अब 37 रुपये किलो मिल रही है। उड़द दाल भी जो पहले 72 रुपये किलो थी और अब 62 रुपये किलो पर आ गिरी है। थोक बाजार में चावल भी 10 रुपये किलो सस्ते हो गए हैं।

दरअसल जीएसटी काउंसिल ने फैसला किया है कि अनाज पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन ब्रांडेड पैकेज फूड पर 5 फीसदी टैक्स लगाया जाना है। अब अब खुले में अनाज खरीद कर उसे अपना ब्रांड देने वाले कारोबारी समझ नहीं पा रहे हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद ब्रांड की नई परिभाषा क्या तय की जाएगी। ब्रांडेड और पैकेज अनाज पर केंद्र से सफाई मिलने तक ये कंफ्यूजन बना रहेगा। सिर्फ दाल और चावल ही नहीं बल्की गेहूं कारोबारी भी अब 3 जून को होने वाली जीएसटी बैठक पर नजर टिकाए बैठे है। उनको उम्मीद है की सरकार इस कंफ्यूजन को दूर करेगी और कारोबार में तेजी लौटेगी।

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